पदोन्नति में आरक्षण सहित विभिन्न समस्याओं के निराकरण का आश्वासन भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके ने दिए
पदोन्नति में आरक्षण, छात्रवृत्ति आय-सीमा समाप्ति, और फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारियों पर FIR की मांग।

भारत का आईना । राष्ट्रीय । न्यूज ब्यूरो।
अनुसूचित जनजाति वर्ग के ज्वलंत समस्याओं पर माननीय श्री दुर्गादास उईके जी केंद्रीय राज्य मंत्री जनजाति मामले भारत सरकार नई दिल्ली का ध्यान आकृष्ट कराते हुए निराकरण की मांग करते हुए विश्राम गृह पहुना रायपुर में अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के प्रदेश अध्यक्ष आर एन ध्रुव महासचिव गोंडवाना गोंड महासभा ने निम्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा किये–
- छत्तीसगढ़ में एस एल पी नं. 19668/2022 आदेश दिनाँक 01/05/2023 एवं डायरी नं. (सी) 5555/2025 आदेश दिनाँक 24/02/2025 में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश और संवैधानिक प्रावधान के तहत संविधान के अनुच्छेद 16-4-ए 16-4-बी, 335 आरक्षण अधिनियम, नियम के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के उक्त आदेश एवं प्रावधानों के पालन के बिना कोई भी पदोन्नति आदेश जारी नहीं किया जाए। नियम विरुद्ध पदोन्नति की कार्यवाही तत्काल निरस्त किया जाए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार पुराने नियम 2012 के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण तत्काल प्रारंभ किया जाए।

2. अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के छात्रवृति हेतु 2.50 लाख की आय-सीमा निर्धारित की गई है, जो साविधान के प्रावधानो के विपरीत है जिसके कारण इस वर्ग के कई विद्यार्थी धन के अभाव में छात्र वृत्ति के बीना आगे की पढ़ाई से वंचित हो जाते हैं। आदिवासी अनुसूचित जनजाति वर्ग का निर्धारण सविधान के अनुच्छेद 342 के अनुसार जन्म से ही हो जाता है इसलिये इस वर्ग के लिये आय-सीमा की बाध्यता को समाप्त किया जावे।
3. उच्च स्तरीय छानबीन समिति में फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारियों का प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने के बाद भी जाँच मे कमजोरी औऱ विलम्ब होने के कारण नियम, कानुन की आड़ में न्यायालय से स्टे लेकर फर्जी लोग शासकीय सेवा में नौकरी, पदोन्नति, पेंशन का लाभ ले रहे हैं।औऱ चुनाव जीतकर आदिवासियों के हितों को छीन रहे है जिसके परिणाम स्वरूप वास्तविक आदिवासी आरक्षण के लाभ से वंचित हो रहे हैं। कृपया इन फर्जी लोगों के खिलाफ तत्काल पुलिस में एफ आई आर कराने ,बर्खास्त करने, निलंबित करने पद से हटाने ,लिए गए लाभ की वसूली, न्यायलय के स्थगन हटवाने की कार्यवाही किया जावे।औऱ न्यायालय के आदेशों की विधि विशेषग्य से जाँच करवाकर अपील, एस एल पी समय पर कराया जाये।लापरवाही बरतने अनुचित लाभ दिलाने वाले अधिकारियो के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाय औऱ जाति प्रमाण पत्रों की लंबित जाँच के प्रकरणों, जाँच मे आरोप प्रमाणित, अप्रमाणित सभी प्रकरण की जानकारी विभागीय वेबसाइड औऱ आरटीआई के तहत जानकारी पोर्टल मे अपलोड किया जाय औऱ जिनका प्रकरण जांच में या न्यायलय मे लम्बीत है उसका स्थाईकरण, पदोन्नति, पेंशन ग्रेज्यूटी रोका जाय।
4.छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जिले के सभी विभागों में तृतिय एवं चतुर्थ वर्ग के पदों पर शत-प्रतिशत भर्ती स्थानीय वर्ग के योग्य बेरोजगारों से आवेदन मंगाकर भर्ती की कर्यवाही के नियम सविधान के अनुच्छेद 16(3)के अनुसार तैयार कर सँसद से पास करवाने प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जावे।
5. छग के अधिकांश शासकीय विभागों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के कई पद बेकलॉग के पद रिक्त हैं। जिसमें आजतक भर्ती पदोन्नति नही हो पाया है और छग शासन संविदा एवं आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम चला रही है। ज्ञात हो संविदा एवं आउटसोर्सिंग पर कार्य करने के लिये कोई आरक्षण नियमों का पालन नही होता है। अतः निवेदन है कि विशेष भर्ती अभियान चलाकर इन रिक्त पदों को भरा जावे।
6. छ.ग. शासन के सभी माननीय मंत्रियों के पास अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकारी/कर्मचारी को कम से एक विशेष सहायक / निज सहायक, विधि विधि विशेषज्ञ एवं अन्य स्टाफ के पद पर रखा जावे, जिससे सरकार और आदिवासी बाहुल्य समाज के बीच निरंतर कम्युनिकेशन/संवाद बना रहे।07. आदिवासी समाज के बहुत सारे अधिकारी कर्मचारी बेवजह निलंबित है, वेतन वृद्धि रोकी गई है तथा अन्य कई लघु एवं दीर्घ शस्तियाँ अधिरोपित कर दण्डित किया गया है कई वर्षों तक विभगीय जांच जानबुझकर लंबित रखा गया है जिससे उनका पदोन्नति रोक कर अन्य वर्ग के कनिष्ठ अधिकारी कर्मचारी को पदोन्नति दिया जा रहा है जिसके कारण पदोन्नति, क्रमोन्नति, एवं समयमान वेतन वृद्धि में रुकावट पैदा कर सामान्य वर्ग के अधिकारियो कर्मचारियों को लाभ दिया जा रहा है। कई स्थानों पर आदिवासी समाज के वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर कनिष्ठ अधिकारियों की पदस्थापना कर दी गई है। जिससे आदिवासी समाज के अधिकारी कर्मचारियों में निराशा व्याप्त है। ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ आदिवासी वर्ग के ऐसे अधिकारी कर्मचारियों की सूची सभी विभागों से मंगा कर इन अधिकारी कर्मचारियों को त्वरित न्याय दिलाई जावे। चेतावनी, नास्ति बद्ध किये जाने वाले प्रकरण क़ो समन्वय में न भेजा जाय मध्य प्रदेश की तरह प्रशासकीय विभाग द्वारा समाप्त करने निर्देश जारी किया जाय।
7. छ ग स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर आदेश नवा रायपुर दिनांक 08/10/2025 क्रमांक ESTB -102(3)/449/2025/ 20 तीन द्वारा कबीरधाम जिले के केवल आदिवासी गोंड समाज के 10 शिक्षकों का जिले एवं जिले के बाहर शिक्षण सत्र के मध्य ,नियम के विपरीत दुर्भावना वश स्थानांतरण किया गया है। उक्त स्थानांतरण आदेश को निरस्त किया जावे।
माननीय मंत्री महोदय ने विस्तार से सभी समस्याओं को सुनने के बाद निराकरण का आश्वासन दिए। इस अवसर पर जनजाति आयोग के सचिव श्री पवन नेताम,डी.डी. मांझी महासमुंद,मादरी राम सिदार रायगढ़, कांकेर नरहरपुर से सगे सिंह वटटी, सरपंच डोमपदर सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।




