मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी हो भू-अभिलेख अधिकारियों का संवर्गीय एकीकरण की मांग

भारत का आईना, रायपुर। छत्तीसगढ़ में भू-अभिलेख अधीक्षक और सहायक भू-अभिलेख अधीक्षक को एक ही संवर्ग में शामिल करने की मांग तेज हो गई है। कर्मचारियों का कहना है कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश सरकार ने दोनों पदों का संवर्गीय एकीकरण कर ऐतिहासिक कदम उठाया है, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ में भी समान निर्णय लिया जाना चाहिए।
मध्यप्रदेश का हवाला देकर छत्तीसगढ़ में भी संवर्गीय एकीकरण की उठी मांग
मध्यप्रदेश में हाल ही में 1 सितम्बर 2025 को जारी आदेश के बाद दोनों पद एकीकृत कर दिए गए हैं। इससे न केवल पदोन्नति और वेतनमान का लाभ मिला है, बल्कि विभागीय कार्यप्रणाली भी सरल हो गई है। चूंकि छत्तीसगढ़ में भी विभाग की संरचना लगभग समान है, इसलिए यहां भी यही व्यवस्था लागू करने की मांग उठ रही है।
प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट धरी रह गई, अब सरकार से उम्मीदें
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में पहले भी भू-अभिलेख अधीक्षक और सहायक भू-अभिलेख अधीक्षक इस संवर्गीय एकीकरण की मांग कर चुके हैं। शासन ने इस संबंध में प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन कर प्रदेशभर से रिपोर्ट भी मंगाई थी, परंतु आयोग की रिपोर्ट पर कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी।
भू अभिलेख अधीक्षक और सहायक अधीक्षक को मिले एक संवर्ग का दर्जा: कर्मचारियों की मांग
कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान सरकार को इस मामले पर गंभीरता से विचार कर लंबित मांग को पूरा करना चाहिए। उनका तर्क है कि एकीकरण से विभागीय संरचना सुव्यवस्थित होगी, पदोन्नति में समान अवसर मिलेंगे और कामकाज अधिक पारदर्शी हो जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा— “मध्यप्रदेश ने यह कदम उठाकर वर्षों पुरानी समस्या का समाधान कर दिया है। छत्तीसगढ़ में भी यदि यह लागू होता है तो हजारों कर्मचारियों को ही नहीं शासन को भी दोहरी स्थापना खर्च में कमी का सीधा लाभ मिलेगा।”
फिलहाल, कर्मचारी सरकार की अगली पहल का इंतजार कर रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या छत्तीसगढ़ भी मध्यप्रदेश की राह पर चलते हुए इस मांग को पूरा करेगा?




