सीयूओ, ओडिशा ने मनाया 17वां स्थापना दिवस : शिक्षक को कक्षा का आनंद लेना चाहिए : प्रो. चक्रवाल
गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल इस अवसर के विशेष अतिथि रहे, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सभी हितधारकों के सहयोग से ही प्रगति करता है

जगदलपुर (जेयपोर): केंद्रीय विश्वविद्यालय ओडिशा (सीयूओ), सुुनाबेदा परिसर में शुक्रवार को 17वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षाविदों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (जीजीवी), बिलासपुर के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल इस अवसर के विशेष अतिथि थे।

अपने संबोधन में प्रो. चक्रवाल ने कहा कि शिक्षण का वास्तविक आनंद तभी है जब शिक्षक स्वयं कक्षा का आनंद लें। उन्होंने कहा, “शिक्षकों को अपना मूल दायित्व निभाना चाहिए और विद्यार्थियों को श्रेष्ठ गुणवत्ता का ज्ञान प्रदान करना चाहिए। यदि नीयत शुद्ध हो तो वित्त, संसाधन या ढांचा जैसी समस्याएँ संकल्प और इच्छाशक्ति से सुलझाई जा सकती हैं।”
स्वाभिमान थाली और छात्र कल्याण पहल
प्रो. चक्रवाल ने जीजीवी बिलासपुर की छात्रहितैषी योजनाओं का उल्लेख किया, जिनमें प्रमुख है ‘स्वाभिमान थाली’, जिसके अंतर्गत सभी छात्रों को पौष्टिक भोजन मात्र 10 रुपये में उपलब्ध कराया जाता है। यह योजना शुरू में 200 छात्रों के लिए थी, लेकिन आज प्रतिदिन लगभग 2000 छात्रों को इसका लाभ मिल रहा है। उन्होंने ‘सुदामा योजना’ का भी उल्लेख किया, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की उच्च शिक्षा में सहयोग करती है।
नालंदा से प्रेरणा और नई पीढ़ी की नवाचार क्षमता
ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा सभी हितधारकों—शिक्षक, छात्र, प्रशासक और समाज—के सामूहिक प्रयासों से ही बनती है।
उन्होंने जीजीवी के एक छात्र-स्टार्टअप का उदाहरण साझा किया, जिसने पूरी तरह विश्वविद्यालय परिसर में डिज़ाइन और तैयार किया गया इलेक्ट्रिक बाइक विकसित किया। यह बाइक 15 अप्रैल 2025 को लॉन्च की गई, जिसकी 150 किमी रेंज प्रति चार्ज है और यह बाजार में उपलब्ध विकल्पों से काफी किफायती है। लॉन्च के एक सप्ताह के भीतर ही कंपनी को लगभग 6 करोड़ रुपये के 350 ऑर्डर प्राप्त हुए। “आज ये छात्र अपने शिक्षकों से भी अधिक कमा रहे हैं। यह दर्शाता है कि यदि सही वातावरण मिले तो छात्र सफल उद्यमी बन सकते हैं,” प्रो. चक्रवाल ने कहा।
नई शिक्षा नीति 2020 पर जोर
विशेष अतिथि ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को क्रांतिकारी बताते हुए कहा कि यह नीति छात्रों को बहुविषयक और उद्यमशीलता आधारित शिक्षा के अवसर प्रदान करती है।
सीयूओ का नेतृत्व और भविष्य की दिशा
इस अवसर पर प्रो. एन.सी. पांडा, सीयूओ के प्रभारी कुलपति, ने शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मियों से विश्वविद्यालय के विकास हेतु मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के सतत विकास में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के सहयोग के लिए आभार भी व्यक्त किया।
अन्य अतिथि
कार्यक्रम में प्रो. बसंत कुमार पांडा, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्टडीज इन क्लासिकल ओड़िया के पूर्व निदेशक, श्री निरंजन सामल, कार्यकारी निदेशक, नाल्को, तथा श्री राकेश लेनका, सीयूओ के प्रभारी रजिस्ट्रार भी उपस्थित थे और उन्होंने अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। सीयूओ ने अपने 17 वर्षों की यात्रा में शिक्षा और समावेशी विकास की दिशा में नए संकल्प के साथ भविष्य की ओर कदम बढ़ाया।




