मध्यप्रदेश

“दिल्ली में बड़ा आतंकी हमला टला — भोपाल के सीए स्टूडेंट सहित दो ISIS आतंकी गिरफ्तार”

दिल्ली और मध्यप्रदेश पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े दो आतंकियों को गिरफ्तार कर एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया गया है। पकड़े गए आरोपियों में से एक भोपाल का रहने वाला सीए स्टूडेंट है, जबकि दूसरा आरोपी दिल्ली का निवासी है। दोनों ने मिलकर दिल्ली के मॉल और पार्किंग क्षेत्रों में धमाका करने की योजना बनाई थी।


भोपाल का सीए स्टूडेंट बना आतंकी

पकड़े गए पहले आरोपी का नाम अदनान खान उर्फ अबू मोहम्मद (20) है, जो भोपाल के करोंद इलाके का रहने वाला है। अदनान के पिता निजी कंपनी में अकाउंटेंट हैं और मां एक थिएटर आर्टिस्ट हैं। वह चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) की पढ़ाई कर रहा था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि अदनान कट्टरपंथी वीडियो सुनता था और सोशल मीडिया पर ISIS के विचारों से प्रभावित हुआ।

 दिल्ली से दूसरा आरोपी गिरफ्तार

दूसरा आरोपी मोहम्मद अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब (19) है, जो उत्तर प्रदेश के एटा जिले का मूल निवासी है और दिल्ली के साकेत नगर में रहता था।
उसके घर से पुलिस ने प्लास्टिक बम, मोलोटोव कॉकटेल, IED टाइमर और ISIS का झंडा बरामद किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों आतंकियों ने दिल्ली के साकेत मॉल और पार्किंग की 12 बार रेकी की थी, ताकि दिवाली पर विस्फोट किया जा सके।

 सोशल मीडिया बना हथियार

भोपाल निवासी अदनान ने सोशल मीडिया पर ‘खिलजी’ नाम से फेक आईडी बनाकर युवाओं को भड़काने का काम किया।
वह ISIS समर्थक कंटेंट पोस्ट करता था और धार्मिक उन्माद फैलाने वाले संदेश साझा करता था।
यही नहीं, अदनान पहले भी ज्ञानवापी केस के जज रवि दिवाकर को धमकी दे चुका है।
उसने इंस्टाग्राम पर जज की तस्वीर पर लिखा था —काफिरों का खून हलाल है, जो दीन के खिलाफ लड़ते हैं।”

इस मामले में उसे लखनऊ एटीएस ने 4 जून 2023 को गिरफ्तार किया था, लेकिन 26 सितंबर 2024 को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। रिहाई के बाद भी उसने सुधार नहीं दिखाया और दोबारा आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया।

 दिल्ली पुलिस का बयान

दिल्ली पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपियों के पास से विस्फोटक सामग्री, डिजिटल उपकरण और आईईडी टाइमर बरामद किए गए हैं।

“दोनों युवाओं का मकसद त्योहारों के दौरान बड़े पैमाने पर दहशत फैलाना था। लेकिन समय रहते कार्रवाई कर दी गई,” — दिल्ली पुलिस प्रवक्ता

 जांच एजेंसियों की सतर्कता

एनआईए, एटीएस और इंटेलिजेंस ब्यूरो अब दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं।
प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि दोनों कुछ विदेशी टेलीग्राम चैनलों और सोशल मीडिया नेटवर्क से कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़कर आतंक की राह पर चले गए थे।

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